
राजस्थान के जालौर जिले में इस समय गर्मी अपने चरम पर है, जहां नौतपा के आगमन के साथ तापमान 45 डिग्री तक पहुंच चुका है। आम लोग दोपहर के समय घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं, वहीं भीनमाल कस्बे में नागा साधु नवीन गिरी महाराज अग्नि के बीच बैठकर तपस्या कर रहे हैं, जो श्रद्धालुओं और आमजन दोनों के लिए आस्था और जिज्ञासा का केंद्र बनी है।
भीनमाल के महाकालेश्वर धाम परिसर में क्षेमकरी माताजी मंदिर के नीचे स्थित हनुमान भाखरी के पास यह तपस्या हो रही है। जूना अखाड़े से जुड़े नवीन गिरी महाराज रोजाना दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक लकड़ी और उपलों की ज्वाला के बीच ध्यान मुद्रा में बैठकर अग्नि स्नान करते हैं। यह तपस्या 26 मई से शुरू होकर 11 दिनों तक लगातार चलेगी।
साधु का कहना है कि यह अग्नि तपस्या आत्मिक शुद्धि और प्राकृतिक ऊर्जा को प्राप्त करने का माध्यम है। उन्होंने बताया कि यह तपस्या मानव शरीर की सहनशीलता की सर्वोच्च परीक्षा है और प्रकृति की अग्नि को आत्मसाक्षात्कार का जरिया माना जाता है। पिछले कुछ वर्षों से वे हर गर्मी के मौसम में यह अनुष्ठान कर रहे हैं।
जालौर में तापमान दिन के समय 45 डिग्री तक पहुंच जाता है, ऐसे में जब लोग घरों में रहना पसंद करते हैं, तब भीनमाल की यह तपस्या विशेष आकर्षण बनी हुई है। दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां आ रहे हैं, जहां आश्रम समिति ने पेयजल और छाया की व्यवस्था भी की है।
यह तपस्या न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और आत्मिक धैर्य की भी परीक्षा है। नवनीन गिरी महाराज की यह अग्नि तपस्या कुदरत की भीषण गर्मी को चुनौती देने के समान है और लोगों को आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करा रही है। नौतपा के दौरान हो रही यह तपस्या प्रकृति और आत्मबल के बीच एक अनोखा संवाद प्रस्तुत करती है, जो इस तपती दोपहर को भी आध्यात्मिक बना रही है।
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