मध्य प्रदेश के सिरोही के चर्चित कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर में शिव महापुराण कथा के दौरान उन्होंने महिलाओं के पहनावे को लेकर टिप्पणी की, जिसने व्यापक विरोध और बहस को जन्म दिया है। कथा के दूसरे दिन, 3 मई को उन्होंने कहा, "लड़कियों की नाभि ढकी रहेगी, तभी वे सुरक्षित रहेंगी, क्योंकि आज के समय में पहनावे की वजह से अपराध बढ़ रहे हैं।"
प्रदीप मिश्रा ने इस कथन को तुलसी के पौधे से जोड़ते हुए कहा कि जिस तरह तुलसी की जड़ अगर दिखाई देने लगे तो पौधा सूख जाता है, वैसे ही महिलाओं की नाभि शरीर की 'जड़' है और उसे ढककर रखना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि जितना अधिक शरीर ढका रहेगा, महिलाओं की सुरक्षा उतनी ही सुनिश्चित होगी।
अपनी कथा के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया की कोई सरकार अपराधों पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं कर सकती, केवल अच्छे संस्कार ही ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने चंचला देवी का उदाहरण देते हुए कहा कि वह अपने पति को सदैव नैतिक रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती थीं। मिश्रा ने दावा किया, "आज महिलाएं पुरुषों को गलत नजर से देखने से मना करती हैं, लेकिन उनका खुद का पहनावा ही अनुचित है।"
बच्चों के संस्कार पर बोलते हुए उन्होंने चिंता जताई कि आज की पीढ़ी बहुत कम उम्र में ही वयस्कों जैसे व्यवहार करने लगी है। उन्होंने कहा, "पहले चार जीवन अवस्थाएं होती थीं – बचपन, यौवन, प्रौढ़ावस्था और बुढ़ापा। लेकिन अब बचपन के बाद सीधे बुढ़ापा दिखता है क्योंकि बच्चे मोबाइल पर अनुचित चीजें देखकर जल्द ही मानसिक रूप से वयस्क हो जा रहे हैं।" मिश्रा ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को श्रेष्ठ संस्कार दें और उनका मार्गदर्शन करें।
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