
जयपुर: जयपुर के महेश नगर स्थित बृज वाटिका मैं "तिरंगा यशोगान- सैनिक सम्मान कवि सम्मेलन" जय हिंद सैल्यूट तिरंगा एवं काव्य साघक परिवार की ओर से सम्मान समारोह आयोजित रखा गया। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना द्वारा दुश्मन को परास्त किया जाने तथा भारत द्वारा ऐतिहासिक जीत पर चर्चा की गई । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कर्नल देव आनंद लोहामरोड़ एवं वशिष्ठ अतिथि कमांडो मुकेश एवं श्याम सिंह राज पुरोहित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरुण चतुर्वेदी जी द्वारा की गई। शैलराज शर्मा, जयपुर काव्य साधक एवं जय हिंद सैल्यूट तिरंगा अध्यक्ष राज कुलदीप के तत्वाधान में कार्यक्रम के संयुक्त आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में पधारे अतिथियों का सफा पहनकर तथा पुष्प कुछ भेंट करते हुए पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में किशोर पारीक ,विजय दानिश मिश्रा , कवि वरुण चतुर्वेदी ,कवि भगवान सहाय पारीक, कवि राजेश खंडेलवाल एवं कवि रामशंकर भारद्वाज द्वारा सैनिकों के सम्मान में राष्ट्रभक्ति से भरपूर कविताएं सुनाई एवं मौजूद नागरिकों का दिल जीत।
कर्नल देव आनंद ने कार्यक्रम के आयोजन तथा वरिष्ठ कवियों को इस ऐतिहासिक तिरंगा यशोगान तथा सैनिक सम्मान के कार्यक्रम के लिए बधाई देते हुए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद नीति में केवल एक सैन्य उपलब्धि नहीं, बल्कि एक रणनीतिक क्रांति का परिचायक है। यह उस नए भारत का प्रतीक है जो अब हमलों का इंतज़ार नहीं करता, बल्कि खतरे की जड़ तक जाकर उसे समाप्त करता है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने सटीक योजना, अत्याधुनिक तकनीक और अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मन के ठिकानों को नष्ट किया। वहीं भारत की कूटनीति ने वैश्विक समर्थन और नैतिक श्रेष्ठता सुनिश्चित करते हुए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कठघरे में खड़ा किया। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब केवल सीमाओं की रक्षा करने वाला राष्ट्र नहीं, बल्कि वैश्विक आतंक के विरुद्ध निर्णायक नेतृत्व प्रदान करने वाली शक्ति बन चुका है। यह एक ऐसा क्षण था, जब राष्ट्र की सैन्य शक्ति, राजनीतिक इच्छा और जनसमर्थन—तीनों एक सुर में बोले: "अब भारत चुप नहीं रहेगा।"
कर्नल ने आगे बताया कि वीरांगनाओं को अनुकंपा नौकरी और सम्मान देने की आवश्यकता । सेवा काल के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले सैनिक न केवल राष्ट्र की रक्षा करते हैं, बल्कि अपने पीछे एक ऐसा खालीपन छोड़ जाते हैं जिसे केवल संवेदनशीलता, सम्मान और उचित सहयोग से ही भरा जा सकता है। इन वीर जवानों की पत्नियाँ—वीरांगनाएँ—केवल शोक की प्रतीक नहीं, बल्कि राष्ट्र की अस्मिता की वाहक होती हैं। ऐसे में यह राष्ट्र की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें न केवल आर्थिक सुरक्षा दी जाए, बल्कि उन्हें सरकारी अनुकंपा नौकरी प्रदान कर उनके आत्मसम्मान और भविष्य को भी सशक्त बनाया जाए। खासकर जब देश में हर सरकारी नौकरी विभाग में अनुकंपा नौकरी का प्रावधान है तो सुना के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों ? अनुकंपा नौकरी का कानून न केवल उनकी सेवा और बलिदान के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक और सैनिक परिवार को यह विश्वास भी दिलाएगी कि भारत अपने रक्षकों और उनके परिजनों को कभी अकेला नहीं छोड़ता।
कार्यक्रम का धन्यवाद उद्बोधन सीमा शर्मा द्वारा किया गया जहां पर उन्होंने मुख्य अतिथि को वीरांगनाओं को अनुकंपा नौकरी हेतु कानून बनाने के आग्रह को समर्थन देने की बात कही।
कमांडो मुकेश दोई- भूतपूर्व सैनिक विकास समिति प्रदेश मंत्री , नरेंद्र सिंह शेखावत , जय हिंद सैल्यूट तिरंगा राष्ट्रीय अध्यक्ष राज कुलदीप सिंह & उपाध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल तथा मीडिया प्रभारी योगेश , राज कुमावत, कल्याण गुर्जर, वैद्य भगवान सहाय, कल्याण सिंह शेखावत, नीता भारद्वाज,सतपाल सोनी ,किशोर पारीक, विजय दानिश मिश्रा, वरुण चतुर्वेदी , भगवान सहाय पारीक, राजेश खंडेलवाल, रामशंकर भारद्वाज आदि कार्यक्रम में मौजूद रहे।