
जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने आपराधिक मामलो का स्थानांतरण, विशेष न्यायाधीश से उदयपुर न्यायालयों में, स्केडुल कास्ट/ स्केडुल ट्राइब (प्रिवेंशन ऑफ़ एट्रोसिटीज) अधिनियम न्यायलय के अंतर्गत करवाया है, क्यों कि जोधपुर में गंभीर न्यायधिक कदाचार के आरोप सामने आये।
वहा के ऑफिसर का बर्ताव और रवैया असहनीय रहा जो प्रोप्राइटरी के मानकों पे खरा नहीं उतरा। न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग के आदेश के अनुसार ये स्थांनांतरण जनता के न्यायिक विधि में समाप्त होते विश्वास को बरकरार रखने के लिए दिया गया है, जनता का विश्वास और सम्मान को प्राथमिकता देते हुए यह आदेश दिया गया है।
भारतीय दंड संहिता और आर्म्स एक्ट के अंतर्गत, याचिका दर्ज करता चिराग जैन के खिलाफ कोतवाली पुलिस स्टेशन में, प्रकरण शुरू किया गया और इस मामले को विशेष न्यायाधीश के पास भेज दिया गया, चार्जशीट जमा करने के बाद उदयपुर में ट्रायल शुरू किया जाएगा।
याचिका दर्ज करता का कहना है की, सुनवाई के दौरान वहा के ऑफिसर्स ने निरंतर उनके काउंसल का अपमान किया, इसी वजह से उनको संदेह हुआ कि उनको न्याय मिलना मुश्किल होगा।
राजस्थान उच्च न्यायलय की कार्यवाही के दौरान विशेष लोक अभियोजक श्री भवसर ने दुराचार की पुष्टि की और वहा के ऑफिसर्स के बर्ताव को जायज नहीं बताया। आदेश में लिखा है की न्यायपालिका, राज्य के सञ्चालन में महत्वपूर्ण अंग की भूमिका निभाता है, इसकी छवि निष्पक्ष, सत्यनिष्ठा और सुन्दर होनी चाहिए। ऐसा कोई भी बर्ताव जिससे इन सिद्धांतो का खंडन होता है चाहे वह पक्षपात, क्षति पहुंचना या दुराचार ही हो, इन सभी हरकतों से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धब्बा लगता है।
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