
दिल्ली। कामिलपोंग के अधिक से ज़यादा निवासियों, पडोसी शहर सिलीगुड़ी और दार्जलिंग, को इस बात की कोई भनक तक नहीं की "थुपका" नामक व्यंजन जिसका भोजन वह 50 वर्षो से कर रहे है, इसकी फैक्ट्री दलाई लामा के बड़े भाई ने निर्माण की थी, दलाई लामा तिब्बत के आध्यात्मिक देव माने जाते है, जिनका निधन 97 वर्ष की उम्र में हुआ था।
ज्ञालो थोंडुप ने 1966-67 ने अपने घर (टगस्टर हाउस) का निर्माण, कलिम्पोंग में किया था और इसके साथ नूडल-फैक्ट्री, ट्रांस हिमालयन की भी स्थापना की थी। तिबत्ती की प्रसिद्द भोजन "थुपका" वहा का स्थाई व्यंजन के रूप में स्वीकारा गया, जहा तिबती शरणार्थी रूप में आते थे। जल्दी ही ट्रांस हिमालयन का उत्पाद सिक्किम और भारत के अनेक राज्यों के साथ दूसरे देशो में भी भेजा जाने लगा।
जैसे थुपका का उत्पाद ट्रांस हिमालयन द्वारा बढ़ा, उसके साथ कर्मचारियों का व्यस्त जीवन के कारण यह भी याद नहीं कि 14वे दलाई लामा के बड़े भाई कलिम्पोंग में निवास करते है। ज्ञालो थोंडुप ने नुडल बनाने की शुरुवात तिब्बत प्रामाणिक तरीके से की थी और 1970 तक यह प्रचलित हो गया था। इसकी मांग कोरोना वायरस के फैलने से पहले तक थी, कलिम्पोंग के एक व्यापारी सुरेश प्रधान का कहना था।
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