
नई दिल्ली। भारत को बढ़त दिलाने वाली नीति में, फ्रांस के साथ भागीदारी की भूमिका, भारत को 26 रफाएल-मरीन फाइटर को अपनी छावनी में शामिल करने की रही और 3 अधिक स्कॉर्पीन पनडुब्बी का निर्माण करने की रही, जिसकी कुल कीमत करीब 1 लाख करोड़ रुपए आंकी जा रही है ( यूरो 10.6 बिलियन)
सोमवार को नरेंद्र मोदी पेरिस की तरफ चले गए, कुछ स्तोत्रों से ज्ञात हुआ कि 22 सिंगल-सीट रफाएल-म जेट्स और 4 डबल-सीट ट्रेनर्स नौ-सेना के लिए कैबिनेट समिति के पास सुरक्षा के लिए रहेंगे, जिसकी अंतिम मंज़ूरी की प्रतीक्षा करि जा रही है, इसकी कुल कीमत 63,000 आंकी जा रही है।
इसके साथ 3 डीजल-इलेक्ट्रिक स्कॉर्पीन पनडुब्बी के निर्माण का प्रस्ताव, मजागों डॉक और फ्रेंच नवल ग्रुप को साथ में दिया जाएगा। कैबिनेट कमिटी सिक्योरिटी रफाएल-म के प्रस्ताव को, मुख्य मंत्री के फ्रांस-यूएस भ्रमण के बाद चर्चा में लेगी। स्कॉर्पीन के निर्माण में होने वाला खरचा, मजागों ने अति अधिक दर्शाया इसलिए मोलभाव करने में विलम्भ हो रहा है। हमारा उद्देश्य इन दोनों प्रस्ताव को लिखित रूप से इस फिस्कल पीरियड, 31 मार्च से पहले हस्ताक्षरित करने का है।
दोनों देशो में आपसी समझौते द्वारा, 110 किलोन्यूटन जेट इंजन, भारत के 5वि पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर योजना, का निर्माण करने का है, इसके लिए फ्रांस की सफ्रान ( जो भारत के हेलीकाप्टर के इंजन बनाती है) और DRDO के तालमेल की आकांशा करि जा रही है।
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