उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर 2010 में रिमोट बम से हुए हमले के मामले में आज ट्रायल पूरा हो सकता है। इलाहाबाद जिला अदालत की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है, जहां आज बचाव पक्ष अपनी अंतिम दलीलें पेश करेगा। अभियोजन पक्ष की बहस पहले ही पूरी हो चुकी है, और ट्रायल पूरा होने के बाद अदालत जजमेंट रिजर्व कर सकती है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, हमले के दौरान राजेश यादव ने सुपारी किलर राजेश पायलट को मंत्री की पहचान कराई थी। जैसे ही नंदी पीछे मुड़े, रिमोट बम में धमाका हो गया। इस हमले में दो लोगों की मौत हुई थी, जबकि नंद गोपाल गुप्ता नंदी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
हालांकि, आरोपी राजेश यादव ने अभियोजन पक्ष के दावे को खारिज किया है। उसका कहना है कि वह घटना के वक्त मौके पर मौजूद नहीं था और नंदी को उसने आवाज भी नहीं लगाई थी। बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया कि नंदी के मौसेरे भाई कमल भी घटनास्थल पर नहीं थे और उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है।
यह मामला 2010 का है, जब नंद गोपाल गुप्ता नंदी बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। दिनदहाड़े हुए इस हमले में पत्रकार समेत दो लोगों की मौत हो गई थी। इस केस में भदोही के पूर्व विधायक विजय मिश्रा, पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्रा, उनके भाई महेंद्र मिश्रा और राजेश पायलट समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था। सुपारी किलर राजेश पायलट की पहले ही मौत हो चुकी है।
आज सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत जल्द ही अपना फैसला सुना सकती है।
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