
पंजाब पुलिस ने पटियाला में एक पार्किंग विवाद के चलते सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ और उनके बेटे के साथ कथित मारपीट के मामले में शुक्रवार, 21 मार्च को एक नई प्राथमिकी (FIR) दर्ज की। इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए पंजाब सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
कर्नल बाठ का बयान और FIR दर्जीकरण
यह FIR कर्नल बाठ की पत्नी द्वारा पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात के एक दिन बाद दर्ज की गई। राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक (DGP) से बातचीत कर कर्नल बाठ के बयान को प्राथमिकी का आधार बनाने का निर्देश दिया था।
13-14 मार्च की रात को पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई कथित मारपीट की घटना के संदर्भ में कर्नल बाठ का बयान 14 मार्च 2025 को दर्ज किया गया था। इसके आधार पर, 21 मार्च को पटियाला के सिविल लाइंस थाने में FIR दर्ज की गई, जिसमें उन पुलिस अधिकारियों के नाम और उनकी भूमिका का विवरण दिया गया है।
कर्नल की पत्नी का बयान और न्याय की मांग
शुक्रवार को चंडीगढ़ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कर्नल बाठ की पत्नी भावुक होकर अपने पति और बेटे के लिए न्याय की मांग की। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस मामले में सच्चाई सामने आएगी और उन्हें न्याय मिलेगा।
निष्पक्ष जांच के लिए SIT का गठन
पंजाब पुलिस ने इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए राज्य के जांच ब्यूरो के निदेशक के निर्देशन में एक उच्च स्तरीय SIT गठित की है। इस टीम की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसपीएस परमार करेंगे। इस SIT में होशियारपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप मलिक और एसएएस नगर के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक मनप्रीत सिंह को भी शामिल किया गया है।
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि पटियाला क्षेत्र के DIG को निर्देश दिया गया है कि संबंधित पुलिस अधिकारियों को निष्पक्ष जांच के लिए तुरंत पटियाला जिले से बाहर स्थानांतरित किया जाए। इसके अतिरिक्त, मामले में संलिप्त सभी 12 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
विवाद का कारण
यह घटना 13-14 मार्च की रात की है, जब कर्नल बाठ और उनके बेटे के साथ पार्किंग को लेकर एक विवाद हुआ था। इस विवाद के बाद कथित रूप से पुलिस अधिकारियों ने कर्नल और उनके बेटे के साथ मारपीट की। इस घटना के बाद कर्नल बाठ ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और अब FIR दर्ज की गई है, जिससे जांच प्रक्रिया में गति आई है।
यह मामला इसलिए भी अहम है क्योंकि यह एक सैन्य अधिकारी और पुलिस के बीच हुई कथित मारपीट को लेकर है, और इससे पंजाब पुलिस की कार्रवाई और तंत्र पर सवाल उठ रहे हैं। इस घटना के बाद पंजाब सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है और SIT का गठन किया है ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।