
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में किए जाने के पीछे जो चौंकाने वाली वजह सामने आई है, वह उनके आवास से बड़ी मात्रा में कैश की बरामदगी है। यह कैश तब मिला जब उनके घर में आग लगी थी और फायर ब्रिगेड तथा पुलिस के कर्मचारियों ने आग बुझाने के बाद कमरे का जायजा लिया था। इस मामले की जानकारी पुलिस अधिकारियों से केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंची, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तुरंत एक बैठक बुलाकर जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने का निर्णय लिया।
इसके साथ ही कॉलेजियम ने यह भी माना कि केवल ट्रांसफर करना पर्याप्त नहीं है, और इस मामले में आगे की कार्रवाई की आवश्यकता है। जस्टिस वर्मा से इस्तीफा लेने की संभावना जताई जा रही है, और यदि वे इस्तीफा नहीं देते, तो उनके खिलाफ आंतरिक जांच की जा सकती है। इस जांच को सुप्रीम कोर्ट के जज और दो हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की कमिटी द्वारा किया जाएगा। यदि दोषी पाए गए, तो रिपोर्ट संसद को भेजी जाएगी, जहां जज को हटाने के प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान होगा।
जस्टिस वर्मा ने 2014 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में जज के रूप में कार्यभार संभाला था और 2021 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था, जहां वे अब तीसरे नंबर पर वरिष्ठ जज हैं।
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