
जयपुर। पूर्व मुख्य मंत्री अशोक गेहलोत ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि सरकार, नौजवानो में बढ़ते हृदय रोगो के अनुसंधान को प्राथमिकता दे क्युकी यह एक चिंता का विषय है।
उनका कहना है कि, "राजस्थान ने प्रभावी रूप से covid की स्तिथि को संभाला था। उस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सको ने सलाह दी थी की covid के बाद की स्तिथि का अनुसंधान किया जाये। इसके जवाब में हमारी सरकार ने पोस्ट-covid रिहैबिलिटेशन केन्द्रो की स्थापना करने की घोषणा 2023 के बजट में की थी। तथापि नयी सरकार इस पहल को परिपालन करने में असफल रही। उनका कहना है की अगर यह केंद्र की स्थापना हो जाती है, तो सरलता से covid के पश्चात की स्थिति का अनुसरण हो सकता है और इसके साथ नौजवानो में हृदय रोगो के बढ़ते मामले पर भी प्रकाश डाला जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकार को अवश्य ही, इस अनुसन्धान को प्राथमिकता देनी चाहिए, अन्यथा ह्रदय रोग भविष्य में आने वाली अगली महामारी हो सकती है।
गेहलोत ने इस बात का वर्णन असेंबली में स्वतंत्र मेंबर ऑफ़ लेजिस्लेटिव असेंबली, यूनुस खान द्वारा पूछे गए प्रशन का उत्तर देते वक्त किया, यूनुस ने covid के पशचात, ह्रदय रोगो से हुई मृत्यु की जानकारी मांगी।
यूनुस का पूछना था कि "क्या यह सच है कि covid के पश्च्यात ह्रदय रोगो से होने वाली मृत्युए बढ़ गयी है? यदि हां, तो क्या सरकार ने इन मृत्यु का कारण जानने की कोशिश की? अगर हा, उत्तर प्रस्तुत कीजिये।
सरकार ने अपने जवाब में कहा कि, हां covid के बाद हृदय रोगियों की संख्या बढ़ गयी है।
यूनुस के दूसरे प्रशन में पूछा कि, क्या खामोशी से हमला इन मृत्युओं का कारण है ?
सरकार ने अपने उत्तर का इशारा, पहले प्रशन के उत्तर को समझने हो कहा।
यह सब प्रशन, राजस्थान विश्वविद्यालय के युवा खिलाडी की खेल के दौरान हुई मृत्यु के बाद पूछे गए, मोहित शर्मा चंडीगढ़ में मुक्केबाजी की प्रतियोगिता के समय हार्ट अटैक की वजह से मृत घोषित कर दिए गए और यह घटना सोशल मीडिया पे प्रसारित हो गयी।
21 वर्षीय खिलाडी मोहित शर्मा हृदय के दौरे की वजह से, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, मोहाली के खेल के मैदान में मूर्छित हो गए।
शर्मा मुक्केबाजी चैपियनशिप के दावेदार खिलाडी थे, जो जयपुर से पंजाब 85 किलोग्राम श्रेणी की प्रतियोगिता में खेलने आये थे और अचानक बॉक्सिंग रिंग में घुसा खा कर गिर गए।
चीफ कमिश्नर ऑफ़ सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सी.जी.एस.टी.) जयपुर, महेंद्र रंगा भी इसी तरह मृत पाए गए थे, उनको छाती में दर्द की शिकायत थी और इसके तुरंत बाद चिकित्सालय ले जाने के बाद भी वह जीवित नहीं हो सके।