गृह मंत्रालय ने गुरुवार को मॉडल प्रिजन मैन्युअल 210 और मॉडल प्रिजन एंड करेक्शनल सर्विस एक्ट 2023 में भेदभाव के असधार पर बदलाव लाये गए। गृह मंत्रालय ने हबिचुअल ओफ्फेडेंर की परिभाषा में भी बदलाव लाया ताकि कैदियों को सजा के समय, जाती के आधार पे किसी प्रकार की उदारता ना दिखाई जा सके।
माननीय भारत के सर्व्वोच्च न्यायलय के निर्णय दिनक 3.10.2024 इन रिट पेटिशन (सिविल) सं. 1404 ऑफ़ 2023 टाइटल सुकन्या शांता बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया एंड अन्य, जाती सम्बंधित कैदियों में भेदभाव को लेके कुछ राज्यों को निर्देश जारी किये और निर्णय की नक़ल गृह मंत्रालय द्वारा पत्र के माध्यम से सभी राज्यों और यूनियन टेरिटरीज को भेजी गयी।
जाती के आधार पर कैदियों का ना बाटा जाये और कर्त्तव्य निर्धारित करने में जाती की भूमिका न हो क्योकि ये गैर संविधानिक है। न्यायालय का यह भी कहना है कि, कैदियों से सीवर और टैंक की सवाई इस कदर नहीं कराइ जाये जिस से उनको खतरनाक परिस्थिति का सामना करना हो।
AB 208 Nirman Nagar Vivekanand Marg Ajmer road jaipur - 302019
Latest Videos
Advertisement Videos
Trend Videos