
मालेगांव मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) को संदेह है कि 255 बैंक अकाउंट्स संभवतः आतंकी फंडिंग से जुड़े हुए हैं। इस जांच को "ऑपरेशन रियल कुबेर" के तहत अंजाम दिया जा रहा है, और इसमें कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं जो यह संकेत देते हैं कि यह एक सुव्यवस्थित मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क है, जिसमें विभिन्न सेल कंपनियों का एक जाल तैयार किया गया है और यह कथित रूप से राजनीतिक व्यक्तित्वों से भी जुड़ा हुआ है।
### जांच के प्रमुख बिंदु:
1. **फर्जी अकाउंट्स का खुलासा**:
- जांच के दौरान यह पाया गया कि 255 बैंक अकाउंट्स हिंदू युवकों के नाम पर धोखाधड़ी से खोले गए थे, ताकि इस ऑपरेशन को छिपाया जा सके और इसे आतंकवाद से प्रेरित गतिविधियों से जोड़ने से बचा जा सके।
- इन अकाउंट्स में बड़ी मात्रा में धन इकट्ठा किया गया था, जिसे हवाला के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उपयोग किया गया और एक हिस्से का इस्तेमाल राजनीतिक संदिग्ध गतिविधियों के लिए किया गया।
2. **आतंकी फंडिंग और राजनीतिक कनेक्शन**:
- ED को इस मनी लांड्रिंग नेटवर्क के आतंकी फंडिंग और राजनीतिक नेटवर्क से जुड़ने के पुख्ता संकेत मिले हैं। जांच में पाया गया कि इन अकाउंट्स से जुड़े कई अन्य फर्जी कंपनियों के एकाउंट्स से लेंडर किए गए थे।
- 255 प्राइमरी अकाउंट्स से जुड़े संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों के कारण यह संकेत मिल रहे हैं कि इन अकाउंट्स में कथित तौर पर एक राजनीतिक पार्टी के नेताओं के जुड़े अकाउंट्स से पैसे भेजे गए थे।
3. **धार्मिक प्रोपगेंडा और चुनावी तनाव**:
- जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इन अकाउंट्स से 379 करोड़ रुपये निकाले गए थे, जिन्हें विभिन्न विधानसभा चुनावों के दौरान सामाजिक और धार्मिक तनाव पैदा करने और भड़काऊ प्रोपगेंडा फैलाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
- यह पैसों का एक हिस्सा कथित तौर पर कट्टरपंथी संगठनों के धार्मिक प्रचार और हिंदू-मुस्लिम के बीच विवाद को बढ़ावा देने में भी इस्तेमाल हुआ था।
4. **मालेगांव ट्रांजेक्शन**:
- मालेगांव मनी लॉन्ड्रिंग की एक प्रमुख कड़ी यह है कि 19 बैंक अकाउंट्स में लगभग 114 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। यह राशि मालेगांव में स्थित मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई थी।
- यह ट्रांजेक्शन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किए गए थे। सिराज मेमन, जो एक आरोपी है, ने स्वीकार किया कि उसने इन ट्रांजेक्शनों को धोखाधड़ी से अंजाम दिया था और यह कार्य महमूद भागड़ (जिसे "चैलेंजर किंग" या "MD" के नाम से जाना जाता है) के निर्देश पर किया गया था। चैलेंजर किंग वर्तमान में फरार है।
5. **आगे की कार्रवाई**:
- ED ने इन 255 अकाउंट्स के होल्डर्स को केवाईसी जांच के लिए समन भेजे हैं और कई व्यक्तियों से पूछताछ की है। पूछताछ में कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके अकाउंट्स में पैसे जुए और बेटिंग से जुड़े थे, लेकिन एजेंसी की जांच इससे परे जाकर गहरी हो रही है।
यह मामला न केवल मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद से जुड़े संदिग्ध फंड्स की ओर इशारा करता है, बल्कि इससे जुड़ी राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक गतविधियों को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। ED की जांच आगे बढ़ने के साथ-साथ इसके और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।