
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार जरूरत पड़ने पर अग्निवीर भर्ती योजना में बदलाव के लिए तैयार है। न्यूज चैनल टाइम्स नाउ के समिट में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित रहे।
उन्होंने कहा- सेना को युवाओं की जरूरत है। मुझे लगता है कि युवा उत्साह से भरा होता है। वे टेक-लवर होते हैं। हमने इस बात का उचित ध्यान रखा है कि उनका भविष्य भी सुरक्षित रहे। जरूरत पड़ी तो हम बदलाव भी करेंगे।
अग्निवीर स्कीम लागू होते ही विवादों में आ गई थी। इस स्कीम में सिर्फ 4 साल की सर्विस को विपक्ष ने युवाओं के साथ धोखा बताया था। कांग्रेस ने अपने चुनावी कैंपेन में अग्निवीर स्कीम को मुख्य मुद्दा बनाया है।
2022 को लागू की गई थी अग्निवीर स्कीम
केंद्र सरकार ने 14 जून 2022 को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की थी। इस स्कीम के तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी।
राहुल गांधी से युवाओं ने कहा था- अग्निवीर सुनकर रिश्ते वाले भी नहीं आ रहे
मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में इसी महीने राहुल गांधी ने ग्वालियर में अग्निवीर भर्ती से जुड़े युवाओं, पूर्व सैनिकों से करीब 40 मिनट तक बात की। यहां सेना की तैयारी कर रहे युवाओं ने बताया कि जो सम्मान फौजी बनने पर मिलता था, अब वो अग्निवीर बनने पर नहीं मिलता। न शहीद का दर्जा मिलता है न ही पेंशन और कैंटीन की सुविधा मिलती है।
यहां तक कि अब तो अग्निवीर सुनकर हमारे लिए रिश्ते भी नहीं आ रहे हैं। इस पर राहुल गांधी ने युवाओं को भरोसा दिलाया था कि यदि उनकी सरकार आती है तो वह अग्निवीर भर्ती योजना में जो सुधार हो सकता है वह जरूर करेंगे।
राहुल ने कहा था- मोदी सरकार अग्निवीर योजना लेकर आई है, ताकि सैनिकों की ट्रेनिंग और पेंशन का पैसा अडाणी को दिया जा सके। अग्निवीर योजना में चार में से तीन लोगों को बाहर कर दिया जाएगा।
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