
राजस्थान में कांग्रेस ने 25 में से 24 सीटों पर लोकसभा के टिकट घोषित कर चुकी है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब पार्टी ने किसी भी मुस्लिम या ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है, जबकि दोनों बड़े वोट बैंक हैं।
अब केवल एक सीट बांसवाड़ा-डूंगरपुर पर टिकट की घोषणा शेष है। यह सीट एसटी आरक्षित है तो यहां कोई गुंजाइश नहीं है कि पार्टी किसी मुस्लिम या ब्राह्मण नेता को टिकट दे।
दोनों जातियों का प्रदेश की लगभग सभी सीटों पर प्रभाव है। 10-12 सीटों पर तो इनकी संख्या पहले या दूसरे नंबर पर माना जाता है।
विवाद के बाद ब्राह्मण समाज के उम्मीदवार का टिकट बदला
भाजपा ने राजस्थान में लोकसभा चुनावों में कभी किसी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है, लेकिन ब्राह्मणों को हमेशा टिकट देती आई है। इस बार भी जयपुर से मंजू शर्मा और चित्तौड़गढ़ से प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को टिकट दिया है।
भाजपा भी 24 सीटों पर घोषणा कर चुकी। एक सीट भीलवाड़ा पर घोषणा होना शेष है। भीलवाड़ा आरक्षित सीट नहीं है।
कांग्रेस ने जयपुर से डॉ. सुनील शर्मा को टिकट दिया था। ब्राह्मण समाज का यह एकमात्र टिकट था। सुनील शर्मा के आरएसएस समर्थक संस्था 'जयपुर डायलॉग्स' से कनेक्शन होने को लेकर भारी विवाद हो गया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट करके इस संस्था से जुड़ाव रखने वाले को टिकट देने पर सवाल उठाए थे। थरूर के सवाल उठाने के बाद कांग्रेस से जुड़े कई नेताओं ने सुनील शर्मा का टिकट बदलने की मांग उठाई थी।
शाम होते-होते सुनील शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उम्मीदवारी छोड़ने की पेशकश की थी। शर्मा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ ही देर बाद उनका टिकट बदल गया और प्रताप सिंह खाचरियावास को उम्मीदवार बना दिया गया।
खाचरियावास जयपुर से 2004 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन वे हार गए थे।
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