प्रदेश में 2008 में हुए परिसीमन के बाद जिले में सीटों की संख्या 15 से बढ़कर 19 हो गई थी। इनमें जयपुर शहर में 10 और ग्रामीण में 9 सीटें हैं। परिसीमन के बाद पहली बार हुए चुनाव में शहर की 10 सीटों में से 3 सीट कांग्रेस ने और 7 सीट भाजपा ने जीती थी। इसके बाद चुनाव 2013 और 2018 में हुए। इन दोनों चुनावों में मतदान के घटने व बढ़ने से किसकी जीत का ट्रेंड रहा है, भास्कर ने इसको खंगाला तो कई तथ्य सामने आए।
साल 2013 में इन सभी 10 सीटों पर मतदान प्रतिशत में 10 फीसदी से अधिक तक की बढ़ोतरी हुई और कांग्रेस का सफाया हो गया। शहर की 10 में से 9 सीटों पर भाजपा और 1 पर एनईपीई ने जीत हासिल की। इसके बाद 2018 में तीसरा चुनाव हुआ। इस चुनाव में 10 में से 3 मालवीय नगर, सांगानेर और विद्याधर नगर ऐसी सीटें थी, जहां भाजपा ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की।
इसके अलावा बची हुई 7 सीटों में 1 पर मतदान में बढ़ोतरी हुई थी और 6 पर मतदान घटा था। मतदान में बढ़ोतरी वाली आमेर सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया, जबकि 6 सीट सिविल लाइंस, हवामहल, किशनपोल, आदर्श नगर, बगरू और झोटवाड़ा में मतदान घटा तो कांग्रेस के कब्जे में चली गई। इस बार आमेर, बगरू और झोटवाड़ा में मतदान में कमी आई है, जबकि हवामहल, सिविल लाइंस, किशनपोल, आदर्श नगर, मालवीय नगर, विद्याधर नगर और सांगानेर में मतदान में बढ़ोतरी हुई है।
4 चुनावों में इस प्रकार रहा मतदान प्रतिशत-:
विधानसभा | 2008 | 2013 | 2018 | 2023 |
आमेर | 68.56 | 79.06 | 80.69 | 78.20 |
हवामहल | 57.82 | 73.67 | 72.92 | 76.74 |
सिविल लाइंस | 60.80 | 72.55 | 69.41 | 70.66 |
किशनपोल | 62.69 | 73.92 | 71.91 | 77.36 |
आदर्श नगर | 62.20 | 73.58 | 72.06 | 73.84 |
बगरू | 55.68 | 72.76 | 72.74 | 72.73 |
झोटवाड़ा | 61.73 | 74.93 | 72.31 | 72.21 |
मालवीय नगर | 60.76 | 69.97 | 68.43 | 70.37 |
विद्याधर नगर | 57.22 | 70.21 | 70.29 | 73.16 |
सांगानेर | 55.69 | 68.21 | 69.19 | 70.86 |
2018 में मतदान गिरा तो इन सीटों पर कांग्रेस को फायदा
हवामहल-: परिसीमन के बाद इस सीट पर 2008 में 57.82 फीसदी मतदान हुआ था। तब कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2013 में मतदान में करीब 16 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 73.67 फीसदी पर पहुंच गया। बढ़ोतरी होने पर सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया। वर्ष 2018 में मतदान में मामूली कमी हुई और मतदान 72.92 फीसदी दर्ज हुआ। मतदान में कमी होने पर सीट कांग्रेस के कब्जे में चली गई। इस बार मतदान में 4 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी दर्ज हुई है। यहां 76.74 फीसदी मतदान हुआ है।
सिविल लाइंस-: इस सीट पर परिसीमन के बाद 2008 में हुए पहले चुनाव में 60.80 फीसदी मतदान हुआ था और कांग्रेस जीती थी। इसके बाद 2013 में मतदान में करीब 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई तो भाजपा ने जीत हासिल कर ली। तब यहां 72.55 फीसदी मतदान हुआ था। इसके बाद 2018 में मतदान में करीब 3 फीसदी की कमी आई तो फिर से सीट कांग्रेस के कब्जे में चली गई। यहां 2018 में 69.41 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार करीब 1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। यहां 70.66 फीसदी मतदान हुआ है।
किशनपोल-: 2008 में 62.69 फीसदी मतदान हुआ और भाजपा जीती। 2013 में 11% बढ़ोतरी के साथ मतदान 73.92 फीसदी पर पहुंचा, फिर भाजपा ने जीती। 2018 में 2 फीसदी कम 71.91 फीसदी मतदान हुआ तो कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इस बार 6% बढ़ोतरी से 77.36% मतदान हुआ।
आदर्श नगर-: 2008 में 62.20% मतदान हुआ और भाजपा ने जीत हासिल की। 2013 में 11% की बढ़ोतरी से मतदान 73.58% पर पहुंचा, फिर भाजपा जीती। 2018 में 1 फीसदी घटने के साथ 72.06% हुआ तो कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इस बार मामूली बढ़ोतरी के साथ मतदान 73.84 फीसदी हुआ है।
बगरू-: 2008 में परिसीमन के बाद 55.68% मतदान हुआ, सीट कांग्रेस ने जीती। 2013 में करीब 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और 72.76 फीसदी पर पहुंच गया, भाजपा जीती। 2018 में मतदान 72.74% पर आ गया, कांग्रेस जीती। इस बार यहां 72.73 फीसदी मतदान हुआ।
झोटवाड़ा-: 2008 में 61.73 फीसदी मतदान हुआ था और फिर 2013 में करीब 13 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ मतदान 74.93 फीसदी पर पहुंच गया था। दोनों बार सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। 2018 में 2 फीसदी की कमी से मतदान 72.31 फीसदी दर्ज हुआ, कांग्रेस जीती। इस बार 72.21 फीसदी मतदान हुआ है।
यहां मतदान बढ़ने पर बीजेपी को हुआ फायदा
आमेर-: आमेर में 2008 में 68.56 फीसदी मतदान हुआ था और कांग्रेस जीती। 2013 में 10.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 79.06 फीसदी मतदान हुआ। एनपीईपी ने जीत हासिल की। 2018 में मामूली बढ़ोतरी हुई और 80.69 फीसदी मतदान के साथ भाजपा ने जीत हासिल की। परिसीमन के बाद पहली बार मतदान घटा है। इस बार यहां 78.20 फीसदी मतदान हुआ। ऐसे में यह अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो रहा है कि सीट पर किसका कब्जा रहेगा।
3 सीटें; यहां घटने और बढ़ने से नहीं पड़ा असर
मालवीय नगर-: 2008 में 60.76, वर्ष 2013 में 69.97 और 2018 में 68.43 फीसदी मतदान हुआ था। तीनों ही बार भाजपा के कालीचरण सराफ जीते। यहां 2013 में मतदान बढ़ा और 2018 में मामूली कमी आई। इस बार मतदान में फिर से मामूली बढ़त हुई है और मतदान 70.37 फीसदी दर्ज हुआ।
विद्याधर नगर-: 2008 में गठन के बाद से ही हर बार मतदान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। 2008 में 57.22, 2013 में 70.21 और 2018 में 70.29 फीसदी मतदान हुआ। तीनों ही बार यहां भाजपा के नरपत सिंह राजवी ने जीत हासिल की। अब इस सीट पर मतदान में बढ़ोतरी हुई है और यहां 73.16 फीसदी मतदान हुआ है।
सांगानेर-: यह सीट गठन के बाद ही भाजपा का गढ़ रही है। यहां दो बार भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी और एक बार अशोक लाहोटी ने जीत दर्ज की। यहां भी 2008 के बाद से हर बार मतदान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। वर्ष 2008 में 55.69, वर्ष 2013 में 68.21, वर्ष 2018 मे 69.19 और अब 2023 में 70.86 फीसदी मतदान हुआ है।