इंटरनेशनल गुर्जर महासभा के 6 वे स्थापना दिवस एवं गुर्जर बकरवाल अधिकार दिवस देश भर के विभिन्न राज्यों में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया. महासभा के 6 वर्ष की यात्रा के दौरान गुर्जर समाज की समस्याओं और बॉर्डर एरिया राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय पर बड़ी सकारात्मक भूमिका रही है। 31 अक्टूबर 2019 के दिन भारत सरकार ने गुर्जर बकरवाल समुदाय के 30 वर्षों से रुके हुए अधिकारों को दिए जाने के उपलक्ष में गुर्जर बकरवाल अधिकार दिवस के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है । इंटरनेशनल गुर्जर महासभा के कार्यकर्ता दिल्ली,राजस्थान ,उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र ,पंजाब ,उत्तराखंड ,हिमाचल प्रदेश , पी ओ के एवं जम्मू कश्मीर में बड़ी संख्या में समाज के उत्थान एवं राष्ट्र सुरक्षा में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं ।
गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल देव आनंद गुर्जर ने बताया कि 6 वर्ष की यात्रा के दौरान गुर्जर समुदाय से जुड़े हुए अहम मुद्दों को देश के सामने लाने का सफलतापूर्वक कार्य करने के फल स्वरुप जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 की आड़ में 30 वर्षों से अटके हुए कंप्लीट शेड्यूल ट्राइब आरक्षण एससी एसटी एट्रोसिटी एक्ट एवं फॉरेस्ट अधिनियम जैसे अध्यादेशों को भारतीय संसद द्वारा 31 अक्टूबर 2019 को पारित होना भारत सरकार का जम्मू कश्मीर के गुर्जर बकरवाल समुदाय को अधिकार दिए जाना एक बड़ी सफलता है। इन अधिनियमों के पारीक होने के उपरांत जम्मू कश्मीर में 42 डीडी सी चुनकर आना एवं गुर्जर बकरवाल समुदाय द्वारा भारतीय सेना के साथ मिलकर सरहदों की सुरक्षा करने मैं भूमिका के कारण 1947 भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान एकमात्र सिविलियन वीर चक्र विजेता जुम्मा गुर्जर की बहादुरी एवं 2002 में सूरन कोट के हिलकाका एरिया में ऑपरेशन "सर्प अविनाश" के दौरान समाज के 37 युवा एवं चार महिला द्वारा देश के लिए अपना जीवन बलिदान करने जैसे शौर्य की गाथाएं आज पूरा देश जान चुका है।
2018 में गुर्जर गौरव यात्रा के माध्यम से उत्तराखंड में रह रहे घूमतु गुर्जर बकरवाल समुदाय की शिक्षा, बिजली, पानी ,घर जैसी समस्याओं से घुमंतू जीवन शैली के कारण वंचित रहने के मुद्दे को उत्तराखंड की सरकार एवं देश के सामने उजागर करना , राजस्थान के सवाई माधोपुर इलाके में रणथंबोर अभ्यारण के कारण वनों से विस्थापित वन गुर्जर समुदाय की समस्याओं एवं राजस्थान के डांग क्षेत्र की गुर्जर समाज की मूलभूत सुविधाओं की कमी जहां पर मनुष्य एवं जानवर एक ही तालाब से पानी पीते हैं जैसी समस्याओं को देश के सामने उजागर करना एवं छोटी-छोटी गुर्जर समाज से जुड़े हुए समस्याओं को देश के सामने उजागर करते हुए समाज को इकट्ठा करने जैसे कार्यों में अहम भूमिका निभाई।
उपलब्धियां की कड़ी में कोरोना काल के समय में बीकानेर के श्री डूंगरगढ़ तहसील स्थित भगवान देवनारायण मंदिर को प्रशासन द्वारा तोड़े जाने के उपरांत सफलतापूर्वक पुनः निर्माण करवाना एवं टोंक जिले के निवाई मोड़ से लेकर जोधपुरिया देवधाम तक 4 लें सड़क निर्माण पर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए पूर्ण करवाना जैसे अनेकों कार्य सफलतापूर्वक नागरिकों के सहयोग से समाज के धार्मिक आस्था से जुड़े मुद्दों पर हल निकाला गया।
लंबे समय के सरकारों एवं देश से आग्रह के उपरांत भी समस्याओं के समाधान का इंतजार है वह
* उत्तराखंड के गुर्जर बकरवाल समुदाय को शेड्यूल आरक्षण की सूची में शामिल किया जाना .
* जम्मू कश्मीर एवं उत्तराखंड के गुर्जर बकरवाल समुदाय के लिए परमानेंट सेटलमेंट प्लान बनाए जाना .
* गुजरी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिए जाना
* राजस्थान के अजमेर स्थित नाग पहाड़ जो भगवान देवनारायण के पिताजी की कर्मस्थली जानी जाती है उसको अतिशय क्षेत्र घोषित करते हुए गुर्जर समाज के हवाले किया जाना.
* राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान सरकारी तंत्र द्वारा 72 हत्याओं की न्यायिक जांच पूरी करते हुए सार्वजनिक किए जाने की मांग. तथा उनका शाहिद का दर्जा घोषित किए जाने की मांग
* राजस्थान के जोधपुरिया एवं सवाई भोज में एक-एक केंद्रीय विश्वविद्यालय खोले जाने की मांग.
* त्याग की मूर्ति पन्नाधाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिए जाने की मांग.
* द्वितीय विश्व युद्ध मैं दुनिया के करौली के रहने वाले सबसे युवा विक्टोरिया क्रॉस विजेता कैप्टन कमल राम गुर्जर एवं 1947 के भारत-पाक युद्ध के एकमात्र सिविलयन वीर चक्र विजेता उड़ी के चौधरी जुम्मा गुर्जर को उचित सम्मान दिए जाने हेतु उनकी मूर्ति प्रदेश की राजधानी एवं प्रमुख मार्गों के नाम किए जाने की मांग
* 1857 की क्रांति का बिगुल बजाने वाले मेरठ के कोतवाल श्री धन सिंह गुर्जर की दिल्ली में प्रमुख स्थान पर मूर्ति एवं मार्ग का नामांकरण एवं केंद्रीय बोर्ड द्वारा स्कूल और कॉलेज पाठ्यक्रम में जोड़ जाने की मांग.
* जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के सूरन कोर्ट तहसील स्थित हल काका में 2002 के ऑपरेशन सर्प अविनाश के दौरान गुर्जर बकरवाल समुदाय द्वारा भारतीय सेना के साथ उग्रवादियों से लड़ाई में 37 युवा एवं चार महिलाओं के शहीद होने के उपरांत उनको उचित सम्मान हेतु उनके आश्रित को एक-एक नौकरी एवं उनकी याद में पंच शहर में एक स्मारक की मांग
यह कहना गलत नहीं होगा कि छोटे से समय में एक समाज सेवी संगठन ने जिस प्रकार से वंचित घुमंतू एवं कमजोर वर्ग के मुद्दे एवं उनके द्वारा किए गए राष्ट्रीय सुरक्षा में बलिदान को देश के सामने लाकर समाधान हेतु किए जाने के लिए इंटरनेशनल गुर्जर महासभा के हर पदाधिकारी एवं कार्य करता की प्रशंसा करनी चाहिए। भारत सरकार एवं श्री नरेंद्र मोदी जी की इंटरनेशनल गुर्जर महासभा कश्मीर में गुर्जर बकरवाल समुदाय को अधिकार देने के लिए सदैव आभारी रहेगी और यह आग्रह करती है कि ऊपर दी हुई समस्याएं जो एक कमजोर वर्ग से जुड़ी है उनके समाधान के लिए आग्रह करती है. महासभा की महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर नेहा सिंह को बधाई देते हुए जम्मू कश्मीर की महिला अध्यक्ष चौधरी शमीमा गुर्जर एवं राष्ट्रीय महिला महामंत्री चौधरी साजिया कौसर का महिलाओं से जुड़ी हुई समस्याओं को सुलझाने के प्रयास हेतु एवं जागरूकता के प्रयासों के लिए विशेष बधाई दी
जम्मू कश्मीर अध्यक्ष चौधरी असलम कोहली, हिमाचल अध्यक्ष चौधरी लाल दिन, पंजाब अध्यक्ष चौधरी मोहम्मद खटाना ,उत्तराखंड अध्यक्ष रफी गुर्जर, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष कमांडो अहलकार सिंह ,मध्य प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर प्रतिभा गुर्जर ,राजस्थान अध्यक्ष श्री राजकुमार गुर्जर, दिल्ली अध्यक्ष श्री राजकुमार गुर्जर ,महाराष्ट्र अध्यक्ष डॉक्टर राजेश कोकरे एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी यूनुस द्वारा अपने-अपने राज्यों में स्थापना दिवस के मौके पर कार्यक्रम के दौरान समाज से जुड़े हुए समस्या एवं समाधान पर प्रकाश डाला.