
जयपुर: कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन अजमेर के किशनगढ़ में उर्वरक फैक्ट्रियों की जांच की। अधिकारियों के दल के साथ वे डींडवाडा, बांदरसिंदरी और चौसला गांव की खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों में पहुंचे। गुरुवार को 12 फैक्ट्रियों की जांच के बाद अब तक 5 फैक्ट्रियों को सीज किया जा चुका है।
फैक्ट्री कर्मचारी जांच के दौरान भागे
कृषि मंत्री गुरुवार रात किशनगढ़ के आरके मार्बल कंपनी के गेस्ट हाउस में रुके थे। शुक्रवार सुबह वे सबसे पहले डींडवाडा की राधिका एग्रो फैक्ट्री, फिर बांदरसिंदरी की एक फैक्ट्री में पहुंचे। इसके बाद चौसला गांव में जांच के दौरान श्री एग्रो फैक्ट्री के कर्मचारी खाद बाहर डालकर ताला लगाकर भाग गए। मंत्री ने अधिकारियों को फैक्ट्री खुलवाकर जांच करने के निर्देश दिए।
उदयपुरकलां और टीकावड़ा में कार्रवाई
जयपुर और अजमेर के कृषि अधिकारियों ने किशनगढ़ के उदयपुरकलां और टीकावड़ा गांव में नकली उर्वरक (डीएपी, यूरिया, जिंक सल्फेट, जिप्सम, पोटाश) बनाने वाली फैक्ट्रियों पर कार्रवाई शुरू की। अजमेर की आत्मा परियोजना की प्रोजेक्ट डायरेक्टर उषा चितारा ने बताया कि उदयपुरकलां की भूमि एग्रोटेक्स, गोवर्द्धन एग्रो और एक अन्य फैक्ट्री के साथ टीकावड़ा की 2 फैक्ट्रियों को सीज किया गया। टेम्पो, जेसीबी, ट्रेलर जैसी मशीनरी भी जब्त की गई।
34 फैक्ट्रियों पर नजर, नकली उर्वरक की सप्लाई का खुलासा
जयपुर की टीम ने भी इलाके की अन्य फैक्ट्रियों में जांच शुरू की है। कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर (फर्टिलाइजर्स) नवलकिशोर मीणा ने बताया कि किशनगढ़ विधानसभा की 34 फैक्ट्रियों को चिह्नित किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि इन फैक्ट्रियों से नकली उर्वरकों की सप्लाई राजस्थान के विभिन्न जिलों के साथ हरियाणा, पंजाब, बिहार और उत्तरी भारत में की जा रही थी।
कृषि मंत्री की इस सख्त कार्रवाई से नकली उर्वरक बनाने वालों में हड़कंप मच गया है, और प्रशासन आगे भी ऐसी कार्रवाइयों को जारी रखने का दावा कर रहा है।
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