
टोंक: विधानसभा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में आरोपी नरेश मीणा को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस अनिल उपमन की अदालत ने नरेश मीणा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए।
देवली-उनियारा उपचुनाव में हुआ था विवाद
नवंबर 2024 में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान टोंक के समरावता गांव में ग्रामीणों ने वोटिंग का बहिष्कार किया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे और अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। इसी दौरान नरेश मीणा ने पोलिंग बूथ पर पहुंचकर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था।
थप्पड़कांड के बाद हिंसा और हिरासत
एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा धरने पर वापस बैठ गए थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों की गाड़ी रोकने को लेकर विवाद बढ़ गया। पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया, जिसके बाद उनके समर्थक भड़क गए। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने नरेश मीणा को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, वहीं ग्रामीणों पर पथराव का आरोप लगा। घटना में गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई थी।
पहले खारिज हो चुकी थी जमानत याचिका
थप्पड़कांड और इसके बाद समरावता गांव में हुई हिंसा के मामले में नरेश मीणा की जमानत याचिका 12 फरवरी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि चालान पेश होने के बाद अभियुक्त जमानत का हकदार नहीं है। कोर्ट ने यह भी माना था कि नरेश मीणा ने चुनाव प्रक्रिया को बाधित किया और सोशल मीडिया के जरिए समर्थकों को उकसाकर हिंसा को बढ़ावा दिया।
कोर्ट का नया फैसला
हालांकि, अब जस्टिस अनिल उपमन की अदालत ने नरेश मीणा को जमानत दे दी है। इस मामले में नरेश मीणा पर थप्पड़कांड और हिंसा से जुड़े कई केस दर्ज हैं, और यह फैसला उनके लिए बड़ी राहत लेकर आया है।
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