
दौसा: दौसा में पंचायत समिति के गठन को लेकर खेड़ला बुजुर्ग और खोहरा मुल्ला गांवों के बीच विवाद गहरा गया है। खेड़ला बुजुर्ग के ग्रामीणों का आरोप है कि खोहरा मुल्ला को पंचायत समिति इसलिए बनाया गया, क्योंकि यह कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का पैतृक गांव है, जबकि खेड़ला बुजुर्ग सभी पात्रताएं पूरी करता है।
महापंचायत में आंदोलन की घोषणा संभव
विरोध जताने के लिए आज शुक्रवार, 30 मई 2025 को दोपहर 12 बजे से खेड़ला बुजुर्ग में भौंणा बाबा मंदिर परिसर में महापंचायत शुरू हो चुकी है। गांव के सरपंच ने आरोप लगाया कि विरोध के चलते पंचायत के अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है। महापंचायत में बड़ी संख्या में लोग जुट रहे हैं, और इस दौरान आंदोलन की घोषणा हो सकती है।
खोहरा मुल्ला को पंचायत समिति बनाने पर रोष
खोहरा मुल्ला, जो मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का पैतृक गांव है, को हाल ही में पंचायत समिति बनाने की घोषणा की गई। यह गांव खेड़ला बुजुर्ग से करीब 4 किलोमीटर दूर है। खेड़ला बुजुर्ग के लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि उनकी उपतहसील को पंचायत समिति का दर्जा दिया जाए।
पहले भी हो चुके हैं प्रदर्शन
राज्य सरकार की पंचायत पुनर्गठन अधिसूचना में पहले खेड़ला बुजुर्ग को पंचायत समिति बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन 6 अप्रैल को प्रकाशित सूचना में खोहरा मुल्ला को यह दर्जा दे दिया गया। इसके बाद खेड़ला के लोगों में रोष फैल गया। ग्रामीणों ने पहले भी बैठकें आयोजित कर रैली निकाली और विधायक सेवा केंद्र का घेराव किया था।
ग्रामीणों और नेताओं ने जताया विरोध
पूर्व जिला प्रमुख अजीत सिंह ने कहा कि खोहरा मुल्ला को पंचायत समिति बनाना ग्राम पंचायतों की जनभावनाओं और जनहित के खिलाफ है। उनका आरोप है कि प्रशासन ने राजनीतिक दबाव में प्रस्ताव बदला। वहीं, भाजपा नेता महेंद्र सिंह खेड़ला ने बताया कि खेड़ला बुजुर्ग पंचायत समिति के सभी मापदंडों को पूरा करता है, फिर भी प्रशासन ने खोहरा मुल्ला को प्राथमिकता दी। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे।
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